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पन्नू की झूठी साजिश का पर्दाफाश: भारत ने कैसे तोड़ा डिजिटल मनोवैज्ञानिक युद्ध का खेल!

एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा गलत सूचना फैलाने के वायरल वीडियो का स्नैपशॉट।
एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा गलत सूचना फैलाने के वायरल वीडियो का स्नैपशॉट।

गुरपतवंत सिंह पन्नू की संस्था “सिख्स फॉर जस्टिस” (SFJ) ने एक बार फिर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने और अशांति फैलाने की कोशिश में एक वीडियो जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि पंजाब के बठिंडा हवाई अड्डे के पास खालिस्तान का झंडा फहराया गया है। इस वीडियो के साथ ही कई देशों में एयर इंडिया की उड़ानों का बहिष्कार करने की अपील की गई। यह वीडियो 1984 के दंगों की बरसी के आसपास जारी की गई थी, ताकि इसे “भारत के खिलाफ आर्थिक युद्ध” के रूप में पेश किया जा सके।


कुछ ही घंटों में भारतीय अधिकारियों ने इस दावे को झूठा साबित कर दिया। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने पुष्टि की कि बठिंडा एयरफील्ड पूरी तरह से चालू और सुरक्षित है, और किसी झंडा फहराने या सुरक्षा उल्लंघन की कोई घटना नहीं हुई। गृह मंत्रालय (MHA) ने भी स्पष्ट किया कि SFJ को भारत में गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है क्योंकि यह लगातार देश विरोधी और झूठे प्रचार अभियानों में लिप्त है।


सुरक्षा एजेंसियों ने जांच में पाया कि बठिंडा एयरपोर्ट या उसके आसपास किसी भी प्रकार की अशांति या प्रदर्शन की कोई रिपोर्ट नहीं है। प्रारंभिक साइबर-फॉरेंसिक जांच में यह भी सामने आया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं था, बल्कि इसे संपादित करके “खालिस्तानी प्रतीक” का झूठा भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई। अधिकारियों के अनुसार, यह वीडियो एक संगठित दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य विदेशों में बसे सिख प्रवासियों के बीच असंतोष फैलाना था।


यह घटना SFJ की लगातार बदलती रणनीति का हिस्सा है, जो अब वास्तविक गतिविधियों के बजाय डिजिटल प्रोपेगेंडा पर निर्भर हो गई है। संगठन द्वारा बार-बार पुराने वीडियो, फर्जी घोषणाओं और अपुष्ट दावों का इस्तेमाल दर्शाता है कि इसका मकसद जनसमर्थन जुटाना नहीं, बल्कि मानसिक युद्ध छेड़ना है। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, ये प्रयास भारत में नहीं बल्कि विदेशी दर्शकों में अपनी घटती प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए किए जा रहे हैं।PIB की फैक्ट चेक यूनिट और गृह मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई ने यह स्पष्ट किया है कि भारत अब गलत सूचना और मनोवैज्ञानिक युद्धों से निपटने में पहले से कहीं अधिक सक्षम है। तुरंत जारी स्पष्टीकरण ने इस झूठे दावे को फैलने से रोका, जिससे किसी भी प्रकार की सार्वजनिक अशांति या कूटनीतिक तनाव की संभावना समाप्त हो गई।


बठिंडा झंडा प्रकरण SFJ की गिरती विश्वसनीयता का प्रतीक बन गया है। जो वीडियो “विरोध का प्रतीक” बनने के लिए बनाया गया था, वही अब हताशा और भ्रम का उदाहरण बन गया। भारत और विश्वभर की सिख समुदाय ने इस विभाजनकारी प्रचार को नकारते हुए शांति, प्रगति और राष्ट्रीय एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।


पन्नू की नवीनतम डिजिटल उकसावे की कोशिश पूरी तरह विफल रही। इसने केवल यह उजागर किया कि उसकी मुहिम कितनी कमजोर और निरर्थक हो चुकी है। जब गलत जानकारी का त्वरित और पारदर्शी खंडन किया जाता है, तो उसका प्रभाव स्वतः समाप्त हो जाता है। भारत की सक्रिय प्रतिक्रिया, कानूनी सख्ती और जन-जागरूकता ही ऐसे मनोवैज्ञानिक अभियानों के विरुद्ध सबसे प्रभावी हथियार हैं। https://x.com/Sikhs4India/status/1982786934284939402


 
 
 

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सरबत दा भला

ਨਾ ਕੋ ਬੈਰੀ ਨਹੀ ਬਿਗਾਨਾ, ਸਗਲ ਸੰਗ ਹਮ ਕਉ ਬਨਿ ਆਈ ॥
"कोई मेरा दुश्मन नहीं है, कोई अजनबी नहीं है। मैं सबके साथ मिलजुलकर रहता हूँ।"

ईमेल : admin@sikhsforindia.com

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