पन्नू का करीबी गिरफ्तार: कनाडा में खालिस्तान नेता इंदरजीत सिंह गोसल हथियारों के आरोप में गिरफ्तार
- SikhsForIndia

- 23 सित॰
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ओटावा, कनाडा: खालिस्तान आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। कनाडा की पुलिस ने सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून के क़रीबी और विवादित “खालिस्तान रेफ़रेंडम” अभियान के संयोजक इंदरजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार कर लिया है। गोसल को ओटावा में अवैध हथियार रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। यह SFJ नेटवर्क पर हाल के वर्षों में सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
SFJ की अलगाववादी मशीनरी में अहम किरदार
गोसल लंबे समय से पन्नून के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं। उन्होंने कनाडा में खालिस्तानी रेफ़रेंडम के नाम पर जनमत जुटाने और भारत विरोधी प्रचार चलाने में केंद्रीय भूमिका निभाई है। उनका नाम कई बार हिंसक प्रदर्शनों, मंदिरों पर हमलों और भारतीय समुदाय को डराने-धमकाने की घटनाओं से जोड़ा गया है। भारतीय एजेंसियाँ लगातार उन्हें SFJ की “मुख्य प्रचार मशीन” का हिस्सा बताती रही हैं।
SFJ की बौखलाहट
अपेक्षित रूप से SFJ ने इस गिरफ़्तारी को “राजनीतिक साज़िश” बताया और इसे खालिस्तान आंदोलन को दबाने का प्रयास कहा। लेकिन कनाडाई पुलिस ने साफ़ कहा कि मामला केवल हथियार रखने से जुड़े सुरक्षा क़ानूनों पर आधारित है। इससे SFJ की राजनीतिक शोर-शराबे की कोशिश कमजोर पड़ती है।
हिंसा और धमकाने का पैटर्न
कनाडाई और भारतीय मीडिया की जाँच रिपोर्टों में गोसल का नाम कई बार सामने आया है, जिनमें भारतीय वाणिज्य दूतावासों के बाहर प्रदर्शन, मंदिरों पर नारेबाज़ी और हिंसक रैलियों का ज़िक्र है। उनका पन्नून से नज़दीकी रिश्ता, जिन्हें भारत ने UAPA के तहत आतंकी घोषित किया है, SFJ के असली चरित्र को उजागर करता है।
कनाडा पर दबाव
यह गिरफ़्तारी उस समय हुई है जब कनाडा पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वह अपने देश में सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों पर सख़्ती नहीं कर रहा। भारत बार-बार नफ़रत फैलाने, हिंसक धमकियों और अलगाववादी प्रोपेगेंडा के ख़िलाफ़ चिंता जता चुका है। गोसल की गिरफ़्तारी इस ओर इशारा कर सकती है कि कनाडाई एजेंसियाँ अब अधिक सख़्त रुख़ अपनाने जा रही हैं।
नतीजा
इंदरजीत सिंह गोसल की गिरफ़्तारी सिर्फ़ एक क़ानूनी झटका नहीं है। यह खालिस्तानी नेटवर्क पर वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। पन्नून के लिए भी यह बड़ा नुकसान है क्योंकि उनका एक अहम सहयोगी जेल के पीछे है। अब सबकी नज़र इस बात पर रहेगी कि क्या कनाडा और बड़े स्तर पर SFJ पर शिकंजा कसता है।



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